ChatGPT Vs AI : आज आपको कुछ भी सर्च करना होता है तो आप किसी भी सर्च इंजन पर जाकर उसके बारे में जानकारी ले सकते हैं। किसी भी विषय के बारे में सर्च करने पर आपको उससे संबंधित कई लिंक्स सामने आ जाते हैं।
जिसका इस्तेमाल करके आप संबंधित विषय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ChatGPT को आप सर्च इंजन का एडवांस रूप कह सकते हैं। आज पूरी दुनिया में इस एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल की धूम है।
ChatGPT डेवलप कैसे हुआ?
2012 से अब तक यानी पिछले एक दशक में एडवांस आर्टफिशियल इंटेलीजेंस में तेजी से विकास हुआ है। साल 2013 में एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल वीडियो गेम्स के लिए किया गया।
2014 में इसका इस्तेमाल मशीन ट्रांसलेशन के लिए किया जाने लगा। अगले ही साल 2015 में इसे और बेहतर करके कॉम्पलेक्स बोर्ड गेम्स डेवलप किए गए।
2016 में एडवांस आर्टफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से स्पीच रेकोग्नेशन एनालिसिस होने लगे। 2017 में इमेज जेनरेशन, 2018 में रोबोटिक कंट्रोल जैसे कामों के लिए उपयोग होने लगा।
साल 2019 में आर्टफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से टेक्स्ट लिखे जाने लगे। इन सभी एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का पीढ़ी-दर-पीढ़ी विकास डीप न्यूरल इंजन और एडवांस कम्प्यूटेशन की वजह से संभव हो सका है।
OpenAI ने 2022 में इन सभी एडवांस आर्टफिशियल इंटेलीजेंस टूल का इस्तेमाल करके ChatGPT डेवलप किया, जो किसी इंसान की तरह आपको सवालों के जवाब दे सकता है।
इस टूल की मदद से होम वर्क से लेकर असाइनमेंट्स आदि लिखे जाने लगे। यही नहीं, कई शोधकर्ता इसका इस्तेमाल रिसर्च पेपर लिखने में करने लगे।
ChatGPT बना रेवेन्यू जेनरेशन का नया माध्यम
OpenAI ने हाल ही में इस एडवांस टूल के इस्तेमाल के लिए सब्सक्रिप्शन प्लान की घोषणा की है। इसका प्रीमियम सब्सक्रिप्शन ChatGPT Plus के लिए यूजर्स को हर महीने 20 डॉलर (लगभग 1655 भारतीय रुपये) खर्च करने होंगे।
कंपनी आने वाले कुछ सप्ताह में बीटा यूजर्स को इसके प्रीमियम सब्सक्रिप्शन का इन्वाइट भेजना शुरू करेगी। फिलहाल यह सर्विस केवल अमेरिकी यूजर्स के लिए उपलब्ध है। हालांकि, OpenAI इस सर्विस को अन्य देशों में भी लॉन्च कर सकती है।
सब्सक्रिप्शन लेने वाले यूजर्स को कंपनी कई एडवांस फीचर्स के साथ-साथ प्राथमिकता देगी। फ्री यूजर्स को इस टूल को पीक आवर्स में इस्तेमाल करने में दिक्कत आती है। रूम फुल होने के बाद यूजर्स इस टूल का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
यह टूल आने वाले दिनों में Microsoft और OpenAI के लिए रेवेन्यू जेनरेशन का नया माध्यम बन सकता है। ऐसे में अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियां भी इस तरह का एडवांस टूल लॉन्च करके OpenAI को चुनौती दे सकती है।